Sunday 16 March 2014

CLASS X अब कहाँ दूसरों के दुःख में दुःखी होने वाल Q/A


प्रश्न १: प्रकृति में आए असंतुलन का क्या परिणाम हुआ?
उत्तर : प्रकृति में आए असंतुलन का यह परिणाम हुआ कि कोई भी प्रदूषण
के प्रभाव से अछूता नहीं रहा | पक्षियों ने बस्तियों से भागना शुरू कर दिया |
गर्मियों में ज़्यादा गर्मी, बेवक्त की बरसातें, भूकंप, सैलाब, तूफ़ान, ज़लज़ले
और नित नए रोगों के रूप में हम इस असंतुलन के प्रभाव को स्पष्ट देख सकते
हैं | प्रकृति की सहनशक्ति की एक सीमा होती है और जब उसके साथ
अत्यधिक छेड़छाड़ की जाती है, तो प्रकृति में असंतुलन पड़ जाता है | इससे
पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ता है |
प्रश्न २: लेखक की माँ ने पूरे दिन रोज़ा क्यों रखा ?
उत्तर : लेखक की माँ ने पूरे दिन का रोज़ा रखा ताकि वह अपनी भूल
का प्रायश्चित कर सके | लेखक के ग्वालियर के घर में एक कबूतर के जोड़े ने
अपना घोंसला बना लिया था, जिसमें रखे दो अण्डों में से एक बिल्ली ने तोड़
दिया था | लेखक की माँ को यह देखकर बहुत दुःख हुआ | उन्होंने स्टूल पर
चढ़कर दूसरे अंडे को बचाने की कोशिश की परन्तु वह अंडा उनके हाथ से
गिरकर टूट गया | कबूतरों की परेशानी और दुःख देखकर माँ की आँखों में आँसू
आ गए | उस दुःख में उन्होंने कुछ भी खाया-पीया नहीं और बस रोती रहीं |
खुदा से माफी माँगने के लिए उन्होंने पूरे दिन का रोज़ा रखा और नमाज़ पढ़कर
इस गलती को माफ़ करने की दुआएँ मांगती रही |
प्रश्न 3: 'डेरा डालने' से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर : डेरा डालने का अर्थ है- अस्थायी निवास | लेखक यह कहना चाहते हैं
कि बढ़ती जनसंख्या के कारण असंख्य बड़ी-बड़ी इमारतों का निर्माण
किया गया | पेड़- पौधों को काटा गया और वनों की भूमि पर
बस्तियाँ बना दी गईं | इससे पशु- पक्षियों के बसेरे छिन गए | उनकी अनेक
प्रजातियाँ समाप्त हो गईं और वे अपना घोंसला छोड़कर यहाँ- वहाँ डेरा डालने
लगे | शहरों में बनी विभिन्न इमारतों के बीच इन्होंने अपने रहने का स्थान
बनाया लेकिन इन घरों में रहने वाले लोगों ने इन्हें वहाँ से भी भगा दिया |
इसका परिणाम यह हुआ कि इन पक्षियों के पास रहने के लिए कोई निश्चित व
स्थायी ठिकाना नहीं है | इसलिए इनकी व्यथा को स्पष्ट करने के लिए लेखक
ने डेरा- डालने जैसे शब्द का प्रयोग किया है |
प्रश्न ४: समुद्र के गुस्से की क्या वजह थी ? उसने अपना गुस्सा कैसे
निकला ?
उत्तर : समुद्र के गुस्से की वजह थी उसका सिमटना | निरंतर
बढ़ती आबादी के कारण बिल्डर धीरे-धीरे समुद्र की ज़मीन छीनकर उसपर
बस्तियाँ बनाते जा रहे थे | समुद्र ने अपने आप को बहुत सिकोड़ा | जब
उसकी सहन-शक्ति की सीमा समाप्त हो गई, तो वह गुस्से से भर उठा | उसने
अपना गुस्सा प्रकट करने के लिए लहरों द्वारा तीन जहाज़ों को बच्चों की गेंद
की तरह उछालकर तीन दिशाओं में फेंक दिया | एक जहाज़ वर्ली के समुद्र के
किनारे जा गिरा, दूसरा बांद्रा के कार्टर रोड के सामने औंधे मुँह जाकर
गिरा और तीसरा गेटवे ऑफ इंडिया पर गिरा | ये तीनों जहाज़ अनेक
कोशिशों के बाद भी चलाने लायक नहीं हो सके |
प्रश्न ५: " जो जितना बड़ा होता है, उसे उतना ही कम गुस्सा आता है |"
आशय स्पष्ट करें |
उत्तर : प्रस्तुत कथन का आशय यह है की बड़ा व्यक्ति सदैव उदार हृदय
होता है | लेखक कहना चाहते हैं कि महान व बड़े व्यक्ति में कई गुणों का संगम
होता है | उनमें से एक गुण यह है कि वे सहनशील होते हैं और अपने क्रोध पर
नियंत्रण करना जानते हैं |
उन्हें सामान्यतः क्रोध नहीं आता परन्तु जब आता है तो उसपर नियंत्रण
करना कठिन है | समुद्र इसका सबसे बड़ा उदाहरण है | ऊपर से शांत और
गंभीर दिखने वाले सागर को जब गुस्सा आता है, तो वह प्रलय का दृश्य
प्रस्तुत कर देता है | इसका सजीव उदाहरण मुंबई के पास देखने को मिला था,
जब सागर ने अपने ऊपर तैरने वाले तीन जहाज़ों को उछालकर बुरी तरह तहस-
नहस कर दिया था |